Liquer Gate Curruption :- ढूंढ सके तो ढूंढ लो
जितना पढ़ालिखा उतना शातिर इंटेलीजेंट currupt नेता , और अब तो ऐसी ऐसी technology आ गयी है की एक अकेला आदमी अपने दम पर ही पूरा कर्रप्शन कर सकता है , con man सुकेश चंद्रशेखर को ही देख लो , और जो विदेशो तक connection रखते है उनके लिए तो कर्रप्शन करना कितना आसान हो गया है , डिजिटल कॉइन में लेन देन कर लो सरकारें , बैंक , पुलिस सब मुँह देखते रह जायेंगे। हवाला तो पहले से ही चल रहा था अब बिटकॉइन डिजिटल कॉइन ने माफियाओ और क्रिमिनल्स की चांदी कर दी है , करेला और नीम चढ़ा ,
हवाला , बिटकॉइन , इन्कमटैक्स कानून का एक्सपर्ट इससे अच्छा कॉकटेल तो कुछ हो ही नहीं सकता पैसो के हेरफेर के क्राइम में। डॉन या गुंडा भी वो बनता है जो दिमाग से तेज होता है जिसे कानून के सरे देव पेंच अचे से पता हो। आजकल पिस्तौल ,चाकू मर्डर वाले क्राइम तो बिना दिमाग के लोगो का काम हो गया है। शातिर इंटेलीजेंट एक्सपर्ट क्रिमिनल तो डिजिटल क्राइम करते है और low grade फिजिकल गुंडागर्दी छोटे मोठे क्रिमिनल्स को सुपारी दे कर करवाते है ताकि अपना दमन एक दम सफ़ेद दिखाई दे।
बिटकॉइन या डिजिटल कॉइन आज पुरे वर्ल्ड में जंगल की आग की तेजी से पॉपुलर हो गया है , वजह है की क्रिमिनल्स , गुंडे , माफिया , भ्रष्ट लोगो ने इसे हाथो हाथ लिया है , इसकी सबसे बड़ी खासियत है की एक मोबाइल में सेकड़ो मिलियन डॉलर छुपा सकते हो , करना क्या है केवल एक कोड ही तो सेव करना है , नोट छिपाने के लिए तो लाकर चाहिए , अल्मारिया चाहिए , तिजोरिया चाहिए , जितने नोट बंगाल ले MP के घर से निकले इतने बड़े माकन से उतने नोट एक छोटे मोबाइल में रख कर कोई भी ले कर एक देश से दूसरे देश घूम कर आ सकता है , इसका लेन देन बिलकुल फिजिकल नोट की तरह होता है बस केवल एक मोबाइल से दूसरे मोबाइल में ब्लूटूथ से भी कोड को ट्रांसफर कर सकते है , या pendrive से भी , कोई internet की जरुरत नहीं है किसी को देने के लिए , एक कोड की सिर्फ एक नोट है इसका कोई डुप्लीकेट कॉपी नहीं हो सकता है। न बैंक चाहिए न इंटरनेट। बिटकॉइन को criminals की करेंसी कहना ही सही है। क्योकि शरीफ ईमानदार लोगो का काम तो UPI , Credit card इन सबसे चल ही रहा है फिर Bitcoin की जरुरत को पड़ी , तो जवाब है ब्लैक मनी तो softcopy में सेव करना , सरकारों से छुपाना , और गलत धंदो के पेमेंट करना , मर्डर और दूसरे क्राइम्स की पेमेंट करना , सरकारी सिस्टम तो बहुत पीछे रह गया है। बैंक इनके लेन देन को अब trace भी नहीं कर पा रहे है। विदेशो में बैठे टेर्ररिस्ट political पार्टियों को बिटकॉइन में पेमेंट कर रहे है। और ये पोलिटिकल पार्टिया अपने वर्करो को हवाला के जरिये पैसे पंहुचा रही है वोट खरीदने के लिए। बड़ी से बड़ी सरकारी या प्राइवेट नौकरी में इतना पैसा नहीं है जितना इस curruption के समुद्र में है जहा पुरे वर्ल्ड के क्रिमिनल लेन देन कर रहे है अपने गलत कामो को अंजाम देने के लिए , नए पढ़े लिखे शातिर सॉफ्टवेयर जानने वाले गुंडे बदमाश इसका पूरा पूरा दुरूपयोग कर रहे है उनको पता है की इस बिटकॉइन से किये भ्र्ष्टाचार को पकड़ना नामुमकिन है। इसे केवल लेने वाला जनता है और देने वाले को पता है , उन दोनों में से अगर एक ने भी मन कर दिया तो सबूत तो कुछ है ही नहीं ये बिलकुल वैसे ही है जैसे 500 का नोट अगर कोई चोर झपट कर भाग गया और बाद में चोर के पकडे जाने पर कोई प्रूव नहीं कर सकता की ये नोट वो ही है। अब नए नए वेल टेक्नोलॉजी equiped पढ़े लिखे शातिर लोगो के कर्रप्शन को पकड़ना असंभव है।