प्रज्ज्वल सेक्स स्कैंडल कर्नाटक राज्य सरकार की नाकामयाबी !​

प्रज्ज्वल सेक्स स्कैंडल या कर्नाटक राज्य की कांग्रेस सरकार की नाकामयाबी !

prajjwal_revanna_sex_scandel

हमारे देश के नेताओ का स्तर इतना गिर चूका है , किसी भी अपराध के ऊपर कार्यवाही करने के लिए किसी चुनावी समीकरण या फिर चुनावी मोके का इन्तजार करते है।  अगर कोई चुनावी मौका या समीकरण फिट बैठेगा तो अपराधी पर कार्यवाही करेंगे नहीं तो चुप चाप गाँधी जी के बन्दर की तरह बैठे रहेंगे ,” हमने कुछ नहीं देखा ,हमने कुछ नहीं सुना , हमने कुछ नहीं बोला।”  इसे लोकतंत्र कहते है ? क्या जहा गलत को गलत कहने के लिए इंतज़ार करते है, फायदे के मोके का , तब तक बेचारे पीड़ित जिन्होंने वोट दिया है पिसते रहते है, मरते रहते है और ये नेता उन्हीं  की कमाई के पैसे से अपनी और अपने आकाओ की  तिजोरिया भरते रहते है।  ये तो लोकतंत्र नहीं है। 

जब कर्नाटक का ये नेता प्रज्ज्वल रेवन्ना  और उसका पिता कई दशकों से इस घृणित कार्य को कर रहे थे तो कर्नाटक की सरकार क्या कर रही थी।  कांग्रेस की सरकार को भी इसकी जानकारी सालो से थी फिर इसके ऊपर कार्यवाही करने की बजाय छुपा कर रखा सही मोके के इन्तजार के लिए।  इस बीच कितनी हजार महिलाओ को इन भेडियो ने शोषण किया होगा।  कितनी महिलाओ को घृणित कार्य करने के लिए मजबूर किया होगा।  

चुनावो में जीतने के लिए अब ये नेता मासूम नागरिको की बलि चढ़ाने पर तुल गए है।  

कर्नाटक के उप मुख्यमंत्री  डीके शिवकुमार व्  मुख्यमंत्री सिद्दरम्मैया व् कांग्रेस के व् अन्य दलो के लोग इस बात से दुखी नजर नहीं आ रहे है की इतनी बड़ी संख्या में इन महिलाओं के ऊपर अत्याचार होता रहा पर  सभी इस बात से खुश है की  इस घटना से उन्हें चुनावो में वोटो का फायदा होगा ,इस घटिया सोच वाले india गठबंधन के नेताओ शर्म आनी चाहिए। 

जब भी कोई दुर्घटना या अपराध होता है तो ये लोग चुनते है की कौन इनकी तरफ है और अपनी राजनितिक फायदे के अनुसार कार्यवाही करते है। 

इस पर तो अंकुश लगना ही चाहिए।  कर्नाटक की कांग्रेस सरकार के इस कारनामे की सजा इसको मिलनी चाहिए।  सब कुछ पता होते हुए भी परिवाही नहीं करना व् मोके का इन्तजार करना।  

 कांग्रेस की सरकार इस कुकृत्य में  उतनी ही अपराधी है जितना देवेगौड़ा का बीटा व् पोता प्रज्ज्वल रेवन्ना है।  ये सब कर्नाटक में मिलीभगत से काम कर रहे है।  इसीलिए अपराधी भच रहे है ओर crime बढ़ता ही जा रहा है। 

सुप्रीम कोर्ट को इसका भी स्वतः सन्घ्यान लेना चाहिए व् सभी अपराधियों को फांसी की सजा होनी चाहिए।  कोर्ट को ये भी सुनिश्चित करना चाहिए की कर्नाटक की  महिलाये सुरक्षित रहे | 

जय हिन्द !