महत्वकंशियो की नक़ल, बिना अकल !

महत्वाकांक्षी की नक़ल , बिना अकल !

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बन्दर के हाथ में उस्तरा ! ये कहावत तो हमने बहुत सुनी है पर आज के परिप्रेक्ष्य में बड़ी सटीक बैठती है. दिल्ली के मुख्यमंत्री जैसे लोगो को मुख्यमंत्री बना देना , IAS का एग्जाम पास करने वाले के मन आ सकता है कि “मेने तो इतना बड़ा एग्जाम पास कर लिया है ये नेता बनना क्या बड़ी बात है ” पर ऐसा नहीं है ,

  हर काम हर किसी के बस कि बात नहीं होती है , कहते है न “जिसका काम उसी को सजे और करे तो डंडा बाजे”। हो भी ऐसा ही रहा है आम आदमी पार्टी के नेता और मुख्यमंत्री सभी मिल कर सोच रहे है कि बड़ी मुश्किल से सत्ता हाथ लगी है इसे जाने नहीं देना है और इसी जुगाड़ में सभी येन केन प्रकारेण सत्ता बचाने में लगे है ,उसके लिए शराब कंपनियों से पैसा खा रहे है ,वोट खरीद रहे है ,नई नई टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल घोटाले के पैसो को खपाने में लगे है ताकि पकडे ना जाये और जनता के सामने अपनी साफ सुथरी छवि बानी रहे। सबसे बड़ा तो उदाहरण करोडो के टॉयलेट वाला महल ही है। जिसमे हर पांच सितारा होटल कि सुख सुविधा मौजूद है। जेल से छूटने के बाद जैसे राजे महाराजे रनिवास में फूल बरसते के बिच जाते थे उसी प्रकार केवल पांच साल जनता के लिए चुने भाईसाहब नेता ,राजे -महाराजो का जमाना ले आये है लोकतंत्र में। दुनिया भर के घोटाले कर लिए ,विदेशी आतंकियों से चंदे ले लिए बिटकॉइन में।

दिल्ली के मुख्यमंत्री जी कह रहे है कि मोदी जी 75 साल के हो गए और अब PM नहीं बनेगे। अगर जनता चाहती है तो मोदी जी कई बार चुने जायँगे और जनता उन्हें PM बनती रहेगी अगर वो अचे काम करंगे तो क्योंकि लोकतंत्र में जनता ही नियम बनती है । अरे भाई मुख्यमंत्री जी आप दिन रात मोदी जी को कोसते रहते हो गाली देते रहते हो ये तो सोचो कि ये ही 140 करोड़ कि जनता ने उन्हें चुना है। और जब तक उनसे ज्यादा वोट किसी और को नहीं मिलते वो ही एकमात्र 140 करोड़ लोगो के प्रतिनिधि है, आप खुद नहीं।

अगर आपके अंदर कोई हुनर है भी तो भी अभी बहुत समय लगेगा जनता के दिलो में जगह बनाने के लिए। अभी तक तो कोई हुनर देखा नहीं केवल मोदी को गाली देने या BJP को गाली देने के। बहुत ही hippocracy है  अरे भाईसाहब BJP ने ऐसी कोई महत्वकांक्षा नहीं रखी वार्ना तो सारी ये कुकरमुत्ते जैसी family पार्टिया सब BJP के बगल में खड़ी होती मिलती और BJP ने बहुत पहले ही केंद्र में सरकार बना ली होती BJP ने ऐसा नहीं किया, अपने समय का इंतज़ार किया। और जब समय आया तो सभी अधूरे काम पुरे किये। पहले भी BJP अकेले खड़ी थी देश के मुद्दों के साथ और आज भी अकेले खड़ी है सारे चारा घोटालेबाजो और 2G घोटाले बाजो ,कोयला घोटालेबाजो और शराब घोटाले बाजो से बिलकुल अलग। गंदे और भ्रष्ट लोगो के साथ जाने से तो अच्छा है अपने समय का इन्तजार धैर्य के साथ करे ,जनता सब देखती है कोण लार टपकते हुए सत्ता में आकर भ्र्ष्टाचार कि मलाई खाने के लिए इससे उससे मिल रहा है और कोण चुपचाप मेहनत करके अपनी बारी का इन्तजार कर रहा है। जो समय अभी बीजेपी का आया है वो कई दशकों की जमीं पर काम करने वाले लोगो कड़ी मेहनत के बाद आया है। दिल्ली के मुख्यमंत्री को लगता है की में 25 – 25 लाख की फीस लेने वाले वकीलों को लगा कर कानून को तोड़ मरोड़ लूँगा और लोगो को बेवकूफ बनता रहूँगा।
अति महत्वकांशा धृतराष्ट्र्र को और दुर्योधन दोनों को ले डूबी। बिना काबिलियत के बनाने वाले नेता धृतराष्ट्र जैसे ही अपने राज का हाल कर सकते है।
ये fimily private लिमिटेड पार्टियों के गठबंधन को BJP में प्रधान मंत्री कौन बनेगा उसकी चिंता है। खुद दिल्ली के मुख्यमंत्री साहब तो MODI को पूरी तरह से नक़ल करते है हर जगह पर। कभी तो माथे पर टिका नहीं लगाया MODI को देख कर लगाना शुरू कर दिया। नानी ने मनI किया है राम मंदिर बनाने को, और फिर मोदी का अनुसरण करते हुए राम मंदिर भी घूम लिया। बड़ी महत्वकांशा है खुद PM बनने इसलिए PM मोदी की हर एक्टिविटी को कॉपी कर रहे है दिल्ली के मुख्यमंत्री साहब।
अरे शीला दीक्षित के भ्र्ष्टाचार के बारे में भी तो बताओ जो राम लीला मैदान में माइक पर चिल्ला चिल्ला कर कागज दिखाए थे , क्या हुआ उसका।
पैसा मिला है शराब घोटाले में और आतंकवादियों से अनाप शनाप, उसको इलेक्शन में use कर रही है आम आदमी पार्टी , वार्ना तो इतनी छोटी और नई नई पार्टी के पास इलेक्शन का खर्चा कहा से आ रहा है। ये तो सुप्रीम कोर्ट को स्वतः  से ही सोचना चाहिए।